शेखावाटी में पिछले अर्से से शोध, प्राकृतिक चिकित्सा एवं ग्रामीण पर्यटन के लिए जो माहौल बना है, उससे काफी कुछ करने की गुंजाइशों को पंख लग गए हैं। इससे एक बात तो तय हो गई है कि अब घरेलु पर्यटक शेखावाटी के धार्मिक स्थलों पर जात-जड़ूले और विदेशी पर्यटक ओपन आर्ट गैलरी के रूप विलास को देखने ही ही नहीं आ रहे हैं, बल्कि इन सबसे अलग भी यहां बहुत कुछ ऐसा है, जो दुनियाभार को आकर्षित कर रहा है। इसकी वजह यहां की कुछ खासियतें हैं, जो कि इस क्षेत्र की अलग पहचान और प्रतिष्ठा बना रही हंै। विदेशी सैलानी ग्रामीण संस्कृति से रूबरू होने के साथ-साथ यहां के जलवायु, जैविक उत्पाद, वनस्पतियों और कृषि व संबंद्ध क्षेत्रों में शोध भी कर रहे हैं। यहां घूमने आने वाले विदेशी पर्यटकों का कहना है कि-यहां बहुत कुछ ऐसा है, जो नई उम्मीद की ओर इशारा कर रहा है। अपने खेत पर सैलानियों की मिजमानी करते किसान, फाइव स्टार होटलों के मीनू में शामिल यहां के जैविक उत्पाद और शिक्षा व खेल के क्षेत्र में यहां की प्रतिभाओं के शीर्ष मुकाम इसे अंतरराष्ट्रीय फलक पर बिठाने का ताना-बाना बुनते नजर आते हैं। शेखावाटी की प्राकृतिक व आयुर्वेदिक चिकित्सा भी सात समंदर पार डंका बजा रही है। इतिहास में दर्ज यह तथ्य भी गर्व का अहसास कराता है कि यहां की चिकित्सा पद्धति की ख्याति से प्रभावित हो देश के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद (जब वे कांग्रेस के अध्यक्ष थे) ने सीकर में काफी समय रहकर दमा का उपचार करवाया था। आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में शेखावाटी में संभावनाओं का आकाश खुला है। इस संबंध में निजी स्तर पर भी अच्छे प्रयास हुए हैं। इन सुविधाओं को देखते हुए कनाड़ा, इंग्लैंड, रूस, यूएई और फ्रांस आदि देशों से भी काफी संख्या में स्वास्थ्य लाभ लेने के लिए लोग आते हैं। शोध प्राकृतिक चिकित्सा एवं ग्रामीण पर्यटन के क्षेत्र में पनपी संभावनाओं को भुनाने के लिए राज्य सरकार ने विशेष प्रोत्साहन देकर अभिनव पहल की है। निजी क्षेत्र के जोश और जुनून के बीच यदि सरकारी प्रयास ईमानदार रहे तो क्षेत्र के विकास को नई दिशा मिलने में काई संदेश नहीं रहेगा।
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रंगों से सजी शेखावाटी के सबसे बड़े ब्लॉग में आपका स्वागत है। यहां आप शेखावाटी के हर उस रंग से रूबरू होंगे, जिनसे आप अब तक अनजान रहे हैं। यहां की विरासत, संस्कृति, आस्था, जज्बे और हौसले को एक जगह पिरोया गया है। उम्मीद है, आपको मेरा यह प्रयास जरूर पसंद आएगा। अगर आप शेखावाटी के बारे में कुछ जानना चाहते हैं तो ईमेल करें। sarviind@gmail.com
संभावनाओं के फलक पर शेखावाटी
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शेखावाटी में पिछले अर्से से शोध, प्राकृतिक चिकित्सा एवं ग्रामीण पर्यटन के लिए जो माहौल बना है, उससे काफी कुछ करने की गुंजाइशों को पंख लग गए हैं। इससे एक बात तो तय हो गई है कि अब घरेलु पर्यटक शेखावाटी के धार्मिक स्थलों पर जात-जड़ूले और विदेशी पर्यटक ओपन आर्ट गैलरी के रूप विलास को देखने ही ही नहीं आ रहे हैं, बल्कि इन सबसे अलग भी यहां बहुत कुछ ऐसा है, जो दुनियाभार को आकर्षित कर रहा है। Read more |
संभावनाओं के फलक पर शेखावाटी
शनिवार, 6 फ़रवरी 2010
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