मेरी धरती पर जन्म लेगी ब्रह्मोस मिसाइल

शुक्रवार, 5 फ़रवरी 2010


शेखावाटी में पिछले अर्से से शोध, प्राकृतिक चिकित्सा एवं ग्रामीण पर्यटन के लिए जो माहौल बना है, उससे काफी कुछ करने की गुंजाइशों को पंख लग गए हैं। इससे एक बात तो तय हो गई है कि अब घरेलु पर्यटक शेखावाटी के धार्मिक स्थलों पर जात-जड़ूले और विदेशी पर्यटक ओपन आर्ट गैलरी के रूप विलास को देखने ही ही नहीं आ रहे हैं, बल्कि इन सबसे अलग भी यहां बहुत कुछ ऐसा है, जो दुनियाभार को आकर्षित कर रहा है। इसकी वजह यहां की कुछ खासियतें हैं, जो कि इस क्षेत्र की अलग पहचान और प्रतिष्ठा बना रही हंै।
इसी कड़ी में जो नाम शामिल हुआ है, वह वाकिये सोचने पर मजबूर नहीं करता है, बल्कि दुश्मनों के दांत भी खट्टे कर सकता है। देश को एक लाख से अधिक सैनिक दे चुके शेखावाटी की धरा पर अब ब्रह्मोस मिसाइल भी बनाई जाएगी। इसके लिए झुंझुनूं जिले के पिलानी के पास स्थित श्योसिंहपुरा, पीपली व डूलानिया में ब्रह्मोस मिसाइल प्रोडेक्शन सेंटर बनाने की कवायद शुरू हो चुकी है। जिसकी मिट्टी के कण-कण में देशभक्ति का जज्बा खून बनकर दौड़ता हो, सोचो ब्रह्मोस मिसाइल की एक बारगी तो अपने को धन्य ही मानेगी, क्योंकि यहां की मिट्टी पर उसका जन्म जो होने जा रहा है। राजस्थान सरकार ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन को सुपसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस बनाने का कारखाना स्थापित करने के लिए 80 हैक्टेयर जमीन देने की मंजूरी दे दी है। डीआरडीओ की मानें तो दो साल में यहां मिसाइलों का उत्पादन भी शुरू हो जाएगा। यह कितनी बड़ी खुशी है, खुद पूर्व सैनिक भूराराम की जुबानी सुन लीजिए। कहते हैं, उन्होंने भी सेना में रहकर देश सेवा की है तथा अब उनके गांव में ही ब्रह्मोस मिसाइल का निर्माण उनके लिए सुखद पल है।

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